ankhon dekhi

मेरा सच मेरे अनुभव का सच होगा. अज से मैं हर उस बात को मानने से इनकार कर दूंगा जिसे मैंने खुद देखा या सुना न हो. हर बात में सवाल करूँगा. हर चीज़ को दोबारा देखूँगा, सुनूँगा, जानूँगा, अपनी नज़र के तराजू से तौलूँगा. अौर कोई भी ऐसी बात, जिसको मैंने जिया ना हो उसको अपने मुँह से नहीं निकालूँगा. जो कुछ भी गलत मुझे सिखाया गया है, या गलत तरीके से सिखाया गया है वो सब भुला दूँगा. अब सब कुछ नया होगा. नए सिरे से होगा. सच्चा होगा, अच्छा होगा, सब कुछ नया होगा. जो देखूँगा, उस पर ही विश्वास करूँगा

Through my own eyes

skin warms in de-light
dancing in sacred embrace
whatever may come

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